विवरण
डाउनलोड Docx
और पढो
“अपने शरीर और अपने मन को प्रकृति की एक निर्जीव वस्तु में बदलने दें पत्थर या लकड़ी के टुकड़े की तरह; जब पूर्ण गतिहीनता की अवस्था और अनभिज्ञता प्राप्त होती है, जीवन के सभी लक्षण प्रस्थान कर जाएँगे और सीमा का हर निशान भी समाप्त हो जाएगा। एक भी विचार आपकी चेतना को परेशान नहीं करेगा जब देखते हैं! अचानक आप एक प्रकाश का एहसास करेंगे पूरी खुशी में भरपूर।”