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चाहे कुछ भी हो, युद्ध या शांति, हथियार बनाना भारी कर्म है। (जी हाँ।) बूचड़खानों में पशु-लोगों को मारना भारी कर्म है। (जी हाँ, मास्टर।) मानव तस्करी भारी कर्म है। (जी हाँ।) यही बात है। ये बातें बुनियादी हैं, और कुछ भी इसे बदल नहीं सकता। चाहे युद्ध हो या युद्ध न हो।