कबीर (शाकाहारी) के गीत: गीत ३१-५०, दो का भाग १2021-03-29ज्ञान की बातें विवरणडाउनलोड Docxऔर पढो"शुरुआत से समय के अंत तक, आपके और मेरे बीच प्रेम है; और कैसे ऐसा प्रेम बुझाया जा सकता है? कबीर कहते हैं: 'जैसे नदी सागर में प्रवेश करती है, वैसे ही मेरा ह्रदय आपको छूता है।'''